मुददतों बाद।

मुददतों बाद, आवाज़ सुनी उसकी।

मुददतों बाद, ठहर गया लम्हा वहीं ।

मुददतों बाद, फिर एक लम्बी ख़ामोशी थी , हम- दोनों के दरमियाँ।

मुददतों बाद!

मुददतों बाद, इन् खामोशियों में अपना नाम सुना मैंने ,

मुददतों बाद, लगा की ज़ोर से पुकारूँ उसका नाम, और इन् बादलों को चीरती मेरी आवाज़ मीलों दूर……… उस तक पहुँच जाये।

मुददतों बाद, लगा की फिर गले लगा लूँ उसे , की पता नहीं फिर मुलाकात हो न हो !

मुददतों बाद!

मुददतों बाद, फिर पता चला की कोरा सपना ही था ये।

मुददतों बाद, फिर से सिर्फ़ सपना ही था ये!!

14 thoughts on “मुददतों बाद।

  1. मुददतों बाद, लगा की ज़ोर से पुकारूँ उसका नाम, और इन् बादलों को चीरती मेरी आवाज़ मीलों दूर……… उस तक पहुँच जाये।

    बेहद खूबसूरत पंक्तियाँ। दिल से दिल तक वाली है🌸😊

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