मैं इश्क़ लिख रही हूँ !

 

मैं इश्क़ लिख रही हूँ , मैं तुम्हे लिख रही हूँ !

बनारस !!

 

तुम्हारी वो लचकती गलियाँ ,

तुम्हारा वो अल्हड़पन !

तुम्हारी वो सशक्त सीढियाँ ,

तुम्हारी वो रूहानी शाम का ढलना। 

 

मैं  वो सब लिख रही हूँ, मैं… इश्क़ लिख रही हूँ। ………!

 

की तुम्हारे  वो निश्छल घाट ,

तुम्हारे वो लज़ीज़ पकवान !

तुम्हारी वो रंगीली होली की शाम,

और तुम्हारा वो दिवाली का श्रृंगार !

 

मैं  सब लिख रही हूँ, मैं तुम्हे लिख रही हूँ !

 

तुम्हारी वो गंगा-जमुनी तहज़ीब।  

तुम्हारी  वो सुबह -ए बनारस की  महफिलें।   

तुम्हारा वो साड़ियों में बनारसी विरासत को बुनना।

तुम्हारा वो जीवन-मरण को इस समान देखना।

  

तुम्हारा  वो अपनापन, मैं  सब लिख रही हूँ, 

मैं इश्क़  लिख रही हूँ, मैं तुम्हे  लिख रही हूँ !!

 

 

 

 

 

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24 thoughts on “मैं इश्क़ लिख रही हूँ !

  1. बहुत ही खूबसूरत कविता।

    आज खिली धूप,
    दुल्हन सी रूप,
    कल को किसने देखा,
    आओ तुझें पन्नो में सहेज लूँ,
    इश्क कितना शब्दों में बताना मुश्किल,
    फिर भी नया रूप दूँ,
    आओ तुझें पन्नो में सहेज लूँ।

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  2. इश्क और बनारस😍😍😍
    एक अद्भुत मेले है

    चाहता हूँ बसना मैं घाट बनारस में
    कर स्नान गंगा का लपेटना है राख चिता का
    बन अघोरी चाहता हूँ खुद में मस्त रहना
    सुन घंटाध्वनि महादेव के मंदिर का
    घाट मणिकर्णिका में लेटना चाहता हूँ
    खुद को शिव में मिला राख बन
    गंगा में विस्रजीत हो जाना चाहता हूँ
    🙏🙏🙏🙏🙏

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  3. #इश्क_ए_बनारस

    उसे जींस टीशर्ट पसंद था,
    मै सोचता था वो बनारसी साड़ी पहने कभी ।
    वो फ्रेंच टोस्ट और कॉफी पे मरती थी,
    और मैं अस्सीघाट वाली अदरक की चाय पे।
    वो पिज्जा बर्गर पर जान देती थी
    और मै बनारसी कचौड़ी जलेबी का दीवाना था।
    उसे नाइट क्लब पसंद थे,
    मुझे दशाश्वमेध की गंगा आरती।
    लेखक बोरिंग लगते थे उसे,
    पर मुझे मिनटों देखा करती जब मैं पंचगंगा घाट पर बैठे लिखता था ।
    वो न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कवायर, इस्तांबुल के ग्रैंड बाजार में शॉपिंग के सपने देखती थी,
    मैं बीएचयू लंका गोदौलिया सिगरा लहुराबीर पांडेपुर के भीड़ में खोना चाहता था।
    राजघाट पुल पर खड़े हो कर सूरज डूबना देखना चाहता था।
    उसकी बातों में महँगे महंगे शहर थे,
    और मेरी तो काशी में ही पूरी दुनिया थी ।

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  4. वाह देखना है एक बार बनारस का रूप बदलने से पहले ।उम्दा खूबसूरत प्रकृति बनारस की।💝🎉🙏

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