कुछ सीख पाएंगे हम या फिर वही पुराने रंग दिखाएंगे हम !

सोचती हूँ क्या लिखुँ , इस COVID पर ,

इतना कुछ पहले ही लिखा जा चुका  है इसपे।

 

घरों में रहिये , दुरी बनाये रखिये।

साफ़ सफाई रखिये, और सुरक्षित रहिये।

 

पर इस COVID ने जो हमें सीखा दिया ,

क्या वो हम कभी बिना इस एक सूक्ष्म वायरस के समझ पाते ?

कदापि नहीं।

 

हमने तो मानव जाती को ही सर्व श्रेष्ठ मान लिया था।

हम जैसे चाहे , इस पृथ्वी , गगन और अंतरिक्ष को मोड़ सकते हैं , मान लिया था।

 

पर वास्तविकता तो कुछ और ही निकली,

जब सिर्फ एक वायरस ने हमारी परिस्तिथि बदल दी।

जिससे हर टेक्नोलॉजी होने के बाद भी हम अब तक जूझ रहे हैं।

 

सिर्फ एक वायरस ने हमें  घर की चार दीवारी में कैद कर दिया है।

अब शायद मनुष्यों के लिए ये समझ पाना आसान होगा की ,

पशुओं को पिंजरे में कैद होकर कैसे लगता है !!

 

परन्तु विस्मय नहीं कोई इसमें ,

की ढाक के तीन पात हो जायेंगे हम।

और फिर वही पुराने रंग दिखाएंगे हम !!

 

 

 

 

Advertisement

6 thoughts on “कुछ सीख पाएंगे हम या फिर वही पुराने रंग दिखाएंगे हम !

  1. विकास कि रथ पर सवार हो विनाश की ओर हम बढ़ते है…..ये तो वक्त ही बताएगा की हम सीखेगें या गीरगीट कि तरह बदल जाएंगे।

    बहुत ही बेहतरीन ढंग से लिखा है आपने💐😊

    Liked by 4 people

  2. परन्तु विस्मय नहीं कोई इसमें ,
    की ढाक के तीन पात हो जायेंगे हम।
    और फिर वही पुराने रंग दिखाएंगे हम !!

    बेहतरीन लिखा है।आपकी कविता सत्य होती हुई।

    Liked by 1 person

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.