बनारसी रंग है ये।
कुछ ढीठ, कुछ अल्हड़।
कुछ ठेठ, कुछ गंभीर।
कुछ विश्वास, कुछ बचपना।
कुछ सच, कुछ भौकाल।
कुछ संस्कार, कुछ अपनापन।
पर जैसे भी है सब पर चढ़ ही जाता है ये रंग।
बनारसी रंग है ये, नहीं उतरने वाला अब ये।
Life
बनारसी रंग है ये।
कुछ ढीठ, कुछ अल्हड़।
कुछ ठेठ, कुछ गंभीर।
कुछ विश्वास, कुछ बचपना।
कुछ सच, कुछ भौकाल।
कुछ संस्कार, कुछ अपनापन।
पर जैसे भी है सब पर चढ़ ही जाता है ये रंग।
बनारसी रंग है ये, नहीं उतरने वाला अब ये।
अपने अपने जगह का एक अपना रंग होता है और बनारस का भी।
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हाँ। सही कहा।
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